मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन सिंह यादव जी ने एक उच्च स्तरीय कदम उठाया है। उनकी नेतृत्व में सरकार ने अब घोषणा की है कि आने वाले 5 सालों में मध्य प्रदेश में रोजगार और कृषि क्षेत्र में सुधार करने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी के विकास कार्य
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने प्रशासनिक कुशलता और कार्यों के लिए प्रशंसा प्राप्त की है, लेकिन विभिन्न योजनाओं और कार्यों के कारण प्रदेश सरकार को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए कर्ज लेने का विचार किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश सरकार का प्रबंध
इस हफ्ते, मध्य प्रदेश विधानसभा में सरकार ने एक समृद्धि योजना को लेकर लेखानुदान लाई, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के कल्याण और विकास कार्यों को प्रोत्साहित करना है। इस बीच, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने तीन महीने के अंतरिम बजट को सदन में प्रस्तुत किया, जिसकी कुल मान 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपये हैं। सरकार ने इस दौरान विकास कार्यों में रुकावट नहीं आने का प्रबंधन किया है।
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कर्ज का विवरण
प्रथम कर्ज को 1,500 करोड़ रुपये के लिए 16 वर्षों के लिए लिया जाएगा, और इसी राशि का दूसरा कर्ज 20 वर्षों के लिए होगा। तीसरा कर्ज दो हजार करोड़ रुपये का होगा। प्रदेश ने यह कर्ज अगले 21 वर्षों में चुकता करने का निर्णय लिया है। इन तीनों कर्जों पर साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान भी होगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 में, सरकार ने अब तक कुल 27 हजार 500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, और अगर पांच हजार करोड़ रुपये का यह कर्ज लिया जाता है, तो कुल राशि 32 हजार 500 करोड़ रुपये हो जाएगी।
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अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का कार्य
वर्तमान में, मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रही है, जिसका परिणामस्वरूप विकास दर 16 प्रतिशत से अधिक है। ऊर्जा उत्पादन भी 4,000 मेगावाट से बढ़कर 29,000 मेगावाट हो गया है, साथ ही सिंचाई क्षमता भी 47 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गई है। राज्य में 5.5 लाख किमी लंबी गुणवत्तापूर्ण सड़कों का एक व्यापक नेटवर्क है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इंदौर देश के सबसे स्वच्छ शहरों में अग्रणी है, और मध्य प्रदेश राज्यों में दूसरे स्थान पर है।