हरदा हादसे के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने एजेंसी पर सिलेंडर रखने और वितरण करने पर रोक लगा दी है, इसके साथ ही घर-घर वाहन के द्वारा सिलेंडर वितरण की सुविधा को बंद किया जा रहा है, और तत्काल सिलेंडर की सुविधा के लिए कंपनी के गोदाम पर जाने की व्यवस्था बनाई जा रही है।
हरदा हादसे के बाद बदले नियम
हरदा हादसे के पश्चात, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सख्ती बढ़ाई गई है और शहर के बीच गैस एजेंसी पर सिलेंडर रखने और वितरण करने पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही सड़कों पर और एजेंसी के बाहर, तथा वाहनों के माध्यम से घर-घर सिलेंडर भेजने की सुविधा भी बंद कर दी गई है, और इन नियमों का उल्लंघन करने पर एजेंसी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश विभाग द्वारा जारी किए गए हैं।
भोपाल में एजेंसी से नहीं दिए जा रहें सिलेंडर
भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी, में 5 लाख से अधिक घरेलू गैस उपभोक्ता हैं, जिनकी पूर्ति 35 एजेंसियों के माध्यम से हो रही थी। इन एजेंसियों के माध्यम से नागरिकों को तत्काल गैस सिलेंडर प्राप्त होता था, लेकिन विभाग ने इस पर लगाम लगाई है, जिससे घरेलू उपभोक्ताएँ सिलेंडर प्राप्त करने में परेशान हो रही हैं।
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हरदा हादसे के बाद, गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन बुकिंग का विकल्प है, लेकिन इसके बावजूद, सिलेंडर प्राप्त करने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग रहा है। पहले यह बुकिंग 48 घंटे में ही पूर्ण हो जाती थी। एजेंसी संचालकों का कहना है कि प्रशासन की सख्ती के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है, क्योंकि गोदाम में विभिन्न क्षेत्रों से वाहन नहीं आ रहे हैं, जिससे सिलेंडर की आपूर्ति में देरी हो रही है।
राज्य के अन्य क्षेत्रों में नही हुई सख्ती
वर्तमान में मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में गैस सिलेंडर की आपूर्ति में कोई सख्ती नहीं बरती जा रही है, हालांकि इस विषय पर भोपाल शहर में सख्ती देखी जा रही है। इसके परिणामस्वरूप, आम जनता परेशान है। इस स्थिति में, अगर इस उच्च स्तर की सुरक्षा भोपाल के बाहर के क्षेत्रों में भी लागू की जाती है, तो गांवों और अन्य आवासीय इलाकों के उपभोक्ताओं को बड़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि वहां से एजेंसी तक की दूरी बहुत अधिक हो सकती है।